अलग-अलग अंगों के लिए छत्तीसगढ़ के गहना -
मुड़ बर - जंगली फूल, चिरई पोख, कउड़ी, गथना, सिंघी, कोकई, पटिया, माँग मोती, टिकुली, गजरा, फूँदरा, फुँदरी।
कान बर - ढार, तरकी, बारी, लुरकी, फूल संकरी, लवांग फूल, झड़प पुतरी, खूंटी, तितरी, खिनवा।
नाक बर - फुल्ली, नथ, लवांग, बुलाक, नखसुर्रि।
ढेंठु बर - सुता, पुतरी, सुररा, कलदार, संकरी, तितरी, महेल, हँसली।
बाँह बर - बहुंटा अउ पहुँची, माला, रुपिया।
हाथ बर - कड़ा, ककनी, बनुरिया, हरैया, ढेंकुआ, नागमोरी, पाटला, पट्टा, अईठी, चुरी।
अंगरी बर - मुंदरी (छपाहि, देवराही, भँवरही)
कनिहा बर - करधन (धातु या रस्सी)
पाँव बर - पैरी, पैजम, तोड़ा, सांटी, चुरवा, कटहर, चुटकी, बिछिया।
लइका बर - बघनखा, ठुमड़ा, गथुला, बुंगुआ, ताबीज़, रीठा, माला, करधन, कौड़ी।
पुरुष बर - चुरवा, चैन बटन, मुंदरी, बारी, कंठी, ताबीज, करधन, कड़ा।
साभार -
किसन दीवान
नर्रा, बागबाहरा।
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंSir lavang phool me confusion hai pls explain
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जवाब देंहटाएंvery nice