पंचायतों को कौन सी शक्तियाँ प्राप्त होंगी और वे किन उत्तरदायित्वों का निर्वाह करेंगी, इसकी सूची संविधान में ग्याहरवीं अनुसूची में दी गयी हैं। इस सूची में पंचायतों के कार्य निर्धारण के लिए 29 कार्य क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है, जा निम्न प्रकार हैं—
1. कृषि, जिसके अन्तर्गत कृषि विस्तार भी है,
2. भूमि सुधार और मृदा संरक्षण,
3. लघु सिंचाई, जल प्रबन्ध और जल आच्छादन विकास,
4. पशु पालन, दुग्ध उद्योग और कुक्कुट पालन,
5. मत्स्य उद्योग,
6. सामाजिक वनोद्योग और फ़ार्म वनोद्योग,
7. लघु वन उत्पाद,
8. लघु उद्योग, जिसके अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी है,
9. खादी, ग्राम और कुटीर उद्योग,
10. ग्रामीण आवास,
11. पेय जल,
12. ईधन और चारा,
13. सड़कें, पुलिया, पुल, नौघाट, जल मार्ग और संचार के अन्य साधन,
14. ग्रामीण विद्युतीकरण, जिसके अन्तर्गत विद्युत का वितरण भी है,
15. ग़ैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत,
16. ग़रीबी उपशमन कार्यक्रम,
17. शिक्षा, जिसके अन्तर्गत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भी हैं,
18. तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा,
19. प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा,
20. पुस्तकालय,
21. सांस्कृतिक क्रिया कलाप,
22. बाज़ार और मेले,
23. स्वास्थ्य और स्वच्छता (अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और औषधालय)
24. परिवार कल्याण,
25. महिला और बाल विकास,
26. समाज कल्याण (विकलांग और मानसिक रूप से अविकसित सहित),
27. कमज़ोर वर्गों का (विशेष रूप से अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों का) कल्याण,
28. लोक वितरण प्रणाली,
29. सामुदायिक आस्तियों का अनुरक्षण,
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