● हरेली, जिसे हरियाली के नाम से भी जाना जाता है इसे छत्तीसगढ़ में प्रथम त्यौहार के रुप में माना जाता है। सावन की अमावस को मनाया जाने वाला पर्व हरेली यद्यपि खेतिहर- समाज का पर्व है फिर भी इसके दूसरे स्वरुप यानी तंत्र मंत्र वाले हिस्से को देवारों का वर्ग मानता है ।
●यह पर्व कृषक प्रधान पर्व है इस दिन कृषक अपने कृषि कार्य में उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों की धुलाई सफाई करके पूजन करते है।
●छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में इस दिन बुरी बलाओं को बाहर ही रखने नीम की पत्तियों को लवय की तरह इस्तेमाल करते है।
● गेड़ी खेल का प्रारंभ - सावन की अमावस को मनाया जाने वाले इस त्यौहार के दिन ही गांव के प्रत्येक घर में गेड़ी का निर्माण किया जाता है । गेड़ी पुरुष खेल है । घर में जितने युवा व बच्चे होते हैं उतनी ही गेड़ी बनायी जाती है । हरेली के दिन से प्रारम्भ गेड़ी का, भादों में तीजा पोला के समय जिस दिन बासी खाने का त्यौहार होता है उसी दिन समापन होता है ।